99.सूरह अज़ ज़िल ज़ाल 99:1 إِذَا زُلْزِلَتِ الْأَرْضُ زِلْزَالَهَا
जब धरती इस प्रकार हिला डाली जाएगी जैसा उसे हिलाया जाना है,
99:2 وَأَخْرَجَتِ الْأَرْضُ أَثْقَالَهَا
और धरती अपने बोझ बाहर निकाल देगी,
99:3 وَقَالَ الْإِنسَانُ مَا لَهَا
और मनुष्य कहेगा, "उसे क्या हो गया है?"
99:4 يَوْمَئِذٍ تُحَدِّثُ أَخْبَارَهَا
उस दिन वह अपना वृत्तांत सुनाएगी,
99:5 بِأَنَّ رَبَّكَ أَوْحَىٰ لَهَا
इस कारण कि तुम्हारे रब ने उसे यही संकेत किया होगा।
99:6 يَوْمَئِذٍ يَصْدُرُ النَّاسُ أَشْتَاتًا لِّيُرَوْا أَعْمَالَهُمْ
उस दिन लोग अलग-अलग निकलेंगे, ताकि उन्हें उनके कर्म दिखाए जाएँ।
99:7 فَمَن يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ
अतः जो कोई कणभर भी नेकी करेगा, वह उसे देख लेगा,
99:8 وَمَن يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ
और जो कोई कणभर भी बुराई करेगा, वह भी उसे देख लेगा।