92.सूरह अल लैल 92:1 وَاللَّيْلِ إِذَا يَغْشَىٰ
साक्षी है रात जबकि वह छा जाए,
92:2 وَالنَّهَارِ إِذَا تَجَلَّىٰ
और दिन जबकि वह प्रकाशमान हो,
92:3 وَمَا خَلَقَ الذَّكَرَ وَالْأُنثَىٰ
और नर और मादा का पैदा करना,
92:4 إِنَّ سَعْيَكُمْ لَشَتَّىٰ
कि तुम्हारा प्रयास भिन्न-भिन्न है।
92:5 فَأَمَّا مَنْ أَعْطَىٰ وَاتَّقَىٰ
तो जिस किसी ने दिया और डर रखा,
92:6 وَصَدَّقَ بِالْحُسْنَىٰ
और अच्छी चीज़ की पुष्टि की,
92:7 فَسَنُيَسِّرُهُ لِلْيُسْرَىٰ
हम उसे सहज ढंग से उस चीज़ का पात्र बना देंगे, जो सहज और मृदुल (सुख-साध्य) है।
92:8 وَأَمَّا مَن بَخِلَ وَاسْتَغْنَىٰ
रहा वह व्यक्ति जिसने कंजूसी की और बेपरवाही बरती,
92:9 وَكَذَّبَ بِالْحُسْنَىٰ
और अच्छी चीज़ को झुठला दिया,
92:10 فَسَنُيَسِّرُهُ لِلْعُسْرَىٰ
हम उसे सहज ढंग से उस चीज़ का पात्र बना देंगे, जो कठिन चीज़ (कष्ट-साध्य) है।
92:11 وَمَا يُغْنِي عَنْهُ مَالُهُ إِذَا تَرَدَّىٰ
और उसका माल उसके कुछ काम न आएगा, जब वह (सिर के बल) खड्ड में गिरेगा।
92:12 إِنَّ عَلَيْنَا لَلْهُدَىٰ
निस्संदेह हमारे ज़िम्मे है मार्ग दिखाना।
92:13 وَإِنَّ لَنَا لَلْآخِرَةَ وَالْأُولَىٰ
और वास्तव में हमारे ही अधिकार में है आख़िरत और दुनिया भी।
92:14 فَأَنذَرْتُكُمْ نَارًا تَلَظَّىٰ
अतः मैंने तुम्हें दहकती आग से सावधान कर दिया।
92:15 لَا يَصْلَاهَا إِلَّا الْأَشْقَى
इसमें बस वही पड़ेगा जो बड़ा ही अभागा होगा,
92:16 الَّذِي كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ
जिसने झुठलाया और मुँह फेरा।
92:17 وَسَيُجَنَّبُهَا الْأَتْقَى
और उससे बच जाएगा वह अत्यन्त परहेज़गार व्यक्ति,
92:18 الَّذِي يُؤْتِي مَالَهُ يَتَزَكَّىٰ
जो अपना माल देकर अपने आपको निखारता है।
92:19 وَمَا لِأَحَدٍ عِندَهُ مِن نِّعْمَةٍ تُجْزَىٰ
और हाल यह है कि किसी का उसपर उपकार नहीं कि उसका बदला दिया जा रहा हो,
92:20 إِلَّا ابْتِغَاءَ وَجْهِ رَبِّهِ الْأَعْلَىٰ
बल्कि इससे अभीष्ट केवल उसके अपने उच्च रब के मुख (प्रसन्नता) की चाह है।
92:21 وَلَسَوْفَ يَرْضَىٰ
और वह शीघ्र ही राज़ी हो जाएगा।