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1.सूरह अल फातिहा
2.सूरह अल बखरा
3.सूरह आले इमरान
4.सूरह अन निसा
5.सूरह अल माइदा
6.सूरह अल अनआम
7.सूरह अल आराफ
8.सूरह अल अनफाल
9.सूरह अत तौबा
10.सूरह यूनुस
11.सूरह हूद
12.सूरह यूसुफ
13.सूरह अर राद
14.सूरह इब्राहीम
15.सूरह अल हिज्र
16.सूरह अन नहल
17.सूरह बनी इस्राईल
18.सूरह अल कहफ़
19.सूरह मरयम
20.सूरह ताहा
21.सूरह अल अंबिया
22.सूरह अल हज
23.सूरह अल मोमिनून
24.सूरह अन नूर
25.सूरह अल फुरखान
26.सूरह अश शुअरा
27.सूरह अन नम्ल
28.सूरह अल खसस
29.सूरह अल अनकबूत
30.सूरह अर रूम
31.सूरह लुखमान
32.सूरह अस सज्दह
33.सूरह अल अहज़ाब
34.सूरह सबा
35.सूरह फातिर
36.सूरह यासीन
37.सूरह अस साफ्फात
38.सूरह साद
39.सूरह अज़ ज़ुमर
40.सूरह अल मोमिन
41.सूरह हा मीम अस सज्दह
42.सूरह अश शूरा
43.सूरह अज़ ज़ुखरुफ
44.सूरह अद दुखान
45.सूरह अल जासियह
46.सूरह अल अहखाफ
47.सूरह मुहम्मद
48.सूरह अल फतह
49.सूरह अल हुजुरात
50.सूरह खाफ
51.सूरहअज़ ज़ारियात
52.सूरह अत तूर
53.सूरह अन नज्म
54.सूरह अल खमर
55.सूरह अर रहमान
56.सूरह अल वाखियह
57.सूरह अल हदीद
58.सूरह अल मुजादलह
59.सूरह अल हश्र
60.सूरह अल मुमतहिनह
61.सूरह अस सफ
62.सूरह अल जुमुअह
63.सूरह अल मुनाफिखून
64.सूरह अत तागाबुन
65.सूरह अत तलाख
66.सूरह अत तह्रीम
67.सूरह अल मुल्क
68.सूरह अल खलम
69.सूरह अल हाख्खह
70.सूरह अल मआरिज
71.सूरह नूह
72.सूरह अल जिन्न
73.सूरह अल मुज्ज़म्मिल
74.सूरह अल मुद्दस्सिर
75.सूरह अल खियामह
76.सूरह अद दह्र
77.सूरह अल मूर्सलात
78.सूरह अन नबा
79.सूरह अन नाज़िआत
80.सूरह अबस
81.सूरह अत तक्वीर
82.सूरह अल इन्फितार
83.सूरह अल मुतफ्फिफीन
84.सूरह अल इन्शिखाक
85.सूरह अल बुरूज
86.सूरह अत तारीख
87.सूरह अल आला
88.सूरह अल गाशियह
89.सूरह अल फज्र
90.सूरह अल बलद
91.सूरह अश शम्स
92.सूरह अल लैल
93.सूरह अज़ ज़ुहा
94.सूरह अलम नश्रह
95.सूरह अत तीन
96.सूरह अल अलख
97.सूरह अल खद्र
98.सूरह अल बय्यिनह
99.सूरह अज़ ज़िल ज़ाल
100.सूरह अल आदियात
101.सूरह अल खारिअह
102.सूरह अत तकासुर
103.सूरह अल अस्र
104.सूरह अल हुमजह
105.सूरह अल फील
106.सूरह खुरैश
107.सूरह अल माऊन
108.सूरह अल कौसर
109.सूरह अल काफिरून
110.सूरह अन नस्र
111.सूरह अल लहब
112.सूरह अल इख्लास
113.सूरह अल फलख
114.सूरह अन नास

19.सूरह मरयम

19:1  كهيعص
काफ़॰ हा॰ या॰ ऐन॰ साद॰
19:2  ذِكْرُ رَحْمَتِ رَبِّكَ عَبْدَهُ زَكَرِيَّا
वर्णन है तेरे रब की दयालुता का, जो उसने अपने बन्दे ज़करीया पर दर्शाई,
19:3  إِذْ نَادَىٰ رَبَّهُ نِدَاءً خَفِيًّا
जबकि उसने अपने रब को चुपके से पुकारा।
19:4  قَالَ رَبِّ إِنِّي وَهَنَ الْعَظْمُ مِنِّي وَاشْتَعَلَ الرَّأْسُ شَيْبًا وَلَمْ أَكُن بِدُعَائِكَ رَبِّ شَقِيًّا
उसने कहा, "मेरे रब! मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गईं और सिर बुढ़ापे से भड़क उठा। और मेरे रब! तुझे पुकारकर मैं कभी बेनसीब नहीं रहा।
19:5  وَإِنِّي خِفْتُ الْمَوَالِيَ مِن وَرَائِي وَكَانَتِ امْرَأَتِي عَاقِرًا فَهَبْ لِي مِن لَّدُنكَ وَلِيًّا
मुझे अपने पीछे अपने भाई-बन्धुओं की ओर से भय है और मेरी पत्नी बाँझ है। अतः तू मुझे अपने पास से एक उत्तराधिकारी प्रदान कर,
19:6  يَرِثُنِي وَيَرِثُ مِنْ آلِ يَعْقُوبَ ۖ وَاجْعَلْهُ رَبِّ رَضِيًّا
जो मेरा भी उत्तराधिकारी हो और याक़ूब के वशंज का भी उत्तराधिकारी हो। और उसे मेरे रब! वांछनीय बना।"
19:7  يَا زَكَرِيَّا إِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلَامٍ اسْمُهُ يَحْيَىٰ لَمْ نَجْعَل لَّهُ مِن قَبْلُ سَمِيًّا
(उत्तर मिला,) "ऐ ज़करीया! हम तुझे एक लड़के की शुभ सूचना देते हैं, जिसका नाम यह्या होगा। हमने उससे पहले किसी को उसके जैसा नहीं बनाया।"
19:8  قَالَ رَبِّ أَنَّىٰ يَكُونُ لِي غُلَامٌ وَكَانَتِ امْرَأَتِي عَاقِرًا وَقَدْ بَلَغْتُ مِنَ الْكِبَرِ عِتِيًّا
उसने कहा, "मेरे रब! मेरे लड़का कहाँ से होगा, जबकि मेरी पत्नी बाँझ है और मैं बुढ़ापे की अन्तिम अवस्था को पहुँच चुका हूँ?"
19:9  قَالَ كَذَٰلِكَ قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَيَّ هَيِّنٌ وَقَدْ خَلَقْتُكَ مِن قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَيْئًا
कहा, "ऐसा ही होगा। तेरे रब ने कहा है कि यह मेरे लिए सरल है। इससे पहले मैं तुझे पैदा कर चुका हूँ, जबकि तू कुछ भी न था।"
19:10  قَالَ رَبِّ اجْعَل لِّي آيَةً ۚ قَالَ آيَتُكَ أَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلَاثَ لَيَالٍ سَوِيًّا
उसने कहा, "मेरे रब! मेरे लिए कोई निशानी निश्चित कर दे।" कहा, "तेरी निशानी यह है कि तू भला-चंगा रहकर भी तीन रात (और दिन) लोगों से बात न करे।"
19:11  فَخَرَجَ عَلَىٰ قَوْمِهِ مِنَ الْمِحْرَابِ فَأَوْحَىٰ إِلَيْهِمْ أَن سَبِّحُوا بُكْرَةً وَعَشِيًّا
अतः वह मेहराब से निकलकर अपने लोगों के पास आया और उनसे संकेतों में कहा, "प्रातः काल और सन्ध्या समय तसबीह करते रहो।"
19:12  يَا يَحْيَىٰ خُذِ الْكِتَابَ بِقُوَّةٍ ۖ وَآتَيْنَاهُ الْحُكْمَ صَبِيًّا
"ऐ यह्या! किताब को मज़बूत थाम ले।" हमने उसे बचपन ही में निर्णय-शक्ति प्रदान की,
19:13  وَحَنَانًا مِّن لَّدُنَّا وَزَكَاةً ۖ وَكَانَ تَقِيًّا
और अपने पास से नरमी और शौक़ और आत्मविश्वास। और वह बड़ा डरनेवाला था।
19:14  وَبَرًّا بِوَالِدَيْهِ وَلَمْ يَكُن جَبَّارًا عَصِيًّا
और अपने माँ-बाप का हक़ पहचाननेवाला था। और वह सरकश अवज्ञाकारी न था ।
19:15  وَسَلَامٌ عَلَيْهِ يَوْمَ وُلِدَ وَيَوْمَ يَمُوتُ وَيَوْمَ يُبْعَثُ حَيًّا
"सलाम उस पर, जिस दिन वह पैदा हुआ और जिस दिन उसकी मृत्यु हो और जिस दिन वह जीवित करके उठाया जाए!"
19:16  وَاذْكُرْ فِي الْكِتَابِ مَرْيَمَ إِذِ انتَبَذَتْ مِنْ أَهْلِهَا مَكَانًا شَرْقِيًّا
और इस किताब में मरयम की चर्चा करो, जबकि वह अपने घरवालों से अलग होकर एक पूर्वी स्थान पर चली गई।
19:17  فَاتَّخَذَتْ مِن دُونِهِمْ حِجَابًا فَأَرْسَلْنَا إِلَيْهَا رُوحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرًا سَوِيًّا
फिर उसने उनसे परदा कर लिया। तब हमने उसके पास अपनी रूह (फ़रिश्ते) को भेजा और वह उसके सामने एक पूर्ण मनुष्य के रूप में प्रकट हुआ।
19:18  قَالَتْ إِنِّي أَعُوذُ بِالرَّحْمَٰنِ مِنكَ إِن كُنتَ تَقِيًّا
वह बोल उठी, "मैं तुझसे बचने के लिए रहमान की पनाह माँगती हूँ; यदि तू (अल्लाह का) डर रखनेवाला है (तो यहाँ से हट जाएगा) ।"
19:19  قَالَ إِنَّمَا أَنَا رَسُولُ رَبِّكِ لِأَهَبَ لَكِ غُلَامًا زَكِيًّا
उसने कहा, "मैं तो केवल तेरे रब का भेजा हुआ हूँ, ताकि तुझे नेकी और भलाई से बढ़ा हुआ लड़का दूँ।"
19:20  قَالَتْ أَنَّىٰ يَكُونُ لِي غُلَامٌ وَلَمْ يَمْسَسْنِي بَشَرٌ وَلَمْ أَكُ بَغِيًّا
वह बोली, "मेरे कहाँ से लड़का होगा, जबकि मुझे किसी आदमी ने छुआ तक नहीं और न मैं कोई बदचलन हूँ?"
19:21  قَالَ كَذَٰلِكِ قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَيَّ هَيِّنٌ ۖ وَلِنَجْعَلَهُ آيَةً لِّلنَّاسِ وَرَحْمَةً مِّنَّا ۚ وَكَانَ أَمْرًا مَّقْضِيًّا
उसने कहा, "ऐसा ही होगा। रब ने कहा है कि यह मेरे लिए सहज है। और ऐसा इसलिए होगा (ताकि हम तुझे) और ताकि हम उसे लोगों के लिए एक निशानी बनाएँ और अपनी ओर से एक दयालुता। यह तो एक ऐसी बात है जिसका निर्णय हो चुका है।"
19:22  فَحَمَلَتْهُ فَانتَبَذَتْ بِهِ مَكَانًا قَصِيًّا
फिर उसे उस (बच्चे) का गर्भ रह गया और वह उसे लिए हुए एक दूर के स्थान पर अलग चली गई।
19:23  فَأَجَاءَهَا الْمَخَاضُ إِلَىٰ جِذْعِ النَّخْلَةِ قَالَتْ يَا لَيْتَنِي مِتُّ قَبْلَ هَٰذَا وَكُنتُ نَسْيًا مَّنسِيًّا
अन्ततः प्रसव पीड़ा उसे एक खजूर के तने के पास ले आई। वह कहने लगी, "क्या ही अच्छा होता कि मैं इससे पहले ही मर जाती और भूली-बिसरी हो गई होती!"
19:24  فَنَادَاهَا مِن تَحْتِهَا أَلَّا تَحْزَنِي قَدْ جَعَلَ رَبُّكِ تَحْتَكِ سَرِيًّا
उस समय उसे उसके नीचे से पुकारा, "शोकाकुल न हो। तेरे रब ने तेरे नीचे एक स्रोत प्रवाहित कर रखा है।
19:25  وَهُزِّي إِلَيْكِ بِجِذْعِ النَّخْلَةِ تُسَاقِطْ عَلَيْكِ رُطَبًا جَنِيًّا
तू खजूर के उस वृक्ष के तने को पकड़कर अपनी ओर हिला। तेरे ऊपर ताज़ा पकी-पकी खजूरें टपक पड़ेंगी।
19:26  فَكُلِي وَاشْرَبِي وَقَرِّي عَيْنًا ۖ فَإِمَّا تَرَيِنَّ مِنَ الْبَشَرِ أَحَدًا فَقُولِي إِنِّي نَذَرْتُ لِلرَّحْمَٰنِ صَوْمًا فَلَنْ أُكَلِّمَ الْيَوْمَ إِنسِيًّا
अतः तू उसे खा और पी और आँखें ठंडी कर। फिर यदि तू किसी आदमी को देखे तो कह देना, मैंने तो रहमान के लिए रोज़े की मन्नत मानी है। इसलिए मैं आज किसी मनुष्य से न बोलूँगी।"
19:27  فَأَتَتْ بِهِ قَوْمَهَا تَحْمِلُهُ ۖ قَالُوا يَا مَرْيَمُ لَقَدْ جِئْتِ شَيْئًا فَرِيًّا
फिर वह उस बच्चे को लिए हुए अपनी क़ौम के लोगों के पास आई। वे बोले, "ऐ मरयम, तूने तो बड़ा ही आश्चर्य का काम कर डाला!
19:28  يَا أُخْتَ هَارُونَ مَا كَانَ أَبُوكِ امْرَأَ سَوْءٍ وَمَا كَانَتْ أُمُّكِ بَغِيًّا
हे हारून की बहन! न तो तेरा बाप ही कोई बुरा आदमी था और न तेरी माँ ही बदचलन थी।"
19:29  فَأَشَارَتْ إِلَيْهِ ۖ قَالُوا كَيْفَ نُكَلِّمُ مَن كَانَ فِي الْمَهْدِ صَبِيًّا
तब उसने उस (बच्चे) की ओर संकेत किया। वे कहने लगे, "हम उससे कैसे बात करें जो पालने में पड़ा हुआ एक बच्चा है?"
19:30  قَالَ إِنِّي عَبْدُ اللَّهِ آتَانِيَ الْكِتَابَ وَجَعَلَنِي نَبِيًّا
उसने कहा, "मैं अल्लाह का बन्दा हूँ। उसने मुझे किताब दी और मुझे नबी बनाया
19:31  وَجَعَلَنِي مُبَارَكًا أَيْنَ مَا كُنتُ وَأَوْصَانِي بِالصَّلَاةِ وَالزَّكَاةِ مَا دُمْتُ حَيًّا
और मुझे बरकतवाला किया जहाँ भी मैं रहूँ, और मुझे नमाज़ और ज़कात की ताकीद की, जब तक कि मैं जीवित रहूँ।
19:32  وَبَرًّا بِوَالِدَتِي وَلَمْ يَجْعَلْنِي جَبَّارًا شَقِيًّا
और अपनी माँ का हक़ अदा करनेवाला बनाया। और उसने मुझे सरकश और बेनसीब नहीं बनाया।
19:33  وَالسَّلَامُ عَلَيَّ يَوْمَ وُلِدتُّ وَيَوْمَ أَمُوتُ وَيَوْمَ أُبْعَثُ حَيًّا
सलाम है मुझपर जिस दिन कि मैं पैदा हुआ और जिस दिन कि मैं मरूँ और जिस दिन कि जीवित करके उठाया जाऊँ!"
19:34  ذَٰلِكَ عِيسَى ابْنُ مَرْيَمَ ۚ قَوْلَ الْحَقِّ الَّذِي فِيهِ يَمْتَرُونَ
सच्ची और पक्की बात की दृष्टि से यह है कि मरयम का बेटा ईसा, जिसके विषय में वे सन्देह में पड़े हुए हैं।
19:35  مَا كَانَ لِلَّهِ أَن يَتَّخِذَ مِن وَلَدٍ ۖ سُبْحَانَهُ ۚ إِذَا قَضَىٰ أَمْرًا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُ كُن فَيَكُونُ
अल्लाह ऐसा नहीं कि वह किसी को अपना बेटा बनाए। महान और उच्च है वह! जब वह किसी चीज़ का फ़ैसला करता है तो बस उसे कह देता है, "हो जा!" तो वह हो जाती है। -
19:36  وَإِنَّ اللَّهَ رَبِّي وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوهُ ۚ هَٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِيمٌ
"और निस्संदेह अल्लाह मेरा रब भी है और तुम्हारा रब भी। अतः तुम उसी की बन्दगी करो यही सीधा मार्ग है।"
19:37  فَاخْتَلَفَ الْأَحْزَابُ مِن بَيْنِهِمْ ۖ فَوَيْلٌ لِّلَّذِينَ كَفَرُوا مِن مَّشْهَدِ يَوْمٍ عَظِيمٍ
किन्तु उनमें कितने ही गरोहों ने पारस्परिक वैमनस्य के कारण विभेद किया, तो जिन लोगों ने इनकार किया उनके लिए बड़ी तबाही है एक बड़े दिन की उपस्थिति से।
19:38  أَسْمِعْ بِهِمْ وَأَبْصِرْ يَوْمَ يَأْتُونَنَا ۖ لَٰكِنِ الظَّالِمُونَ الْيَوْمَ فِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ
भली-भाँति सुननेवाले और भली-भाँति देखनेवाले होंगे, जिस दिन वे हमारे सामने आएँगे! किन्तु आज ये ज़ालिम खुली गुमराही में पड़े हुए हैं।
19:39  وَأَنذِرْهُمْ يَوْمَ الْحَسْرَةِ إِذْ قُضِيَ الْأَمْرُ وَهُمْ فِي غَفْلَةٍ وَهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ
उन्हें पश्चात्ताप के दिन से डराओ, जबकि मामले का फ़ैसला कर दिया जाएगा, और उनका हाल यह है कि वे ग़फ़लत में पड़े हुए हैं और वे ईमान नहीं ला रहे हैं।
19:40  إِنَّا نَحْنُ نَرِثُ الْأَرْضَ وَمَنْ عَلَيْهَا وَإِلَيْنَا يُرْجَعُونَ
धरती और जो भी उसके ऊपर है उसके वारिस हम ही रह जाएँगे और हमारी ही ओर उन्हें लौटना होगा।
19:41  وَاذْكُرْ فِي الْكِتَابِ إِبْرَاهِيمَ ۚ إِنَّهُ كَانَ صِدِّيقًا نَّبِيًّا
और इस किताब में इबराहीम की चर्चा करो। निस्संदेह वह एक सत्यवान नबी था।
19:42  إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ يَا أَبَتِ لِمَ تَعْبُدُ مَا لَا يَسْمَعُ وَلَا يُبْصِرُ وَلَا يُغْنِي عَنكَ شَيْئًا
जबकि उसने अपने बाप से कहा, "ऐ मेरे बाप! आप उस चीज़ को क्यों पूजते हो, जो न सुने और न देखे और न आपके कुछ काम आए?
19:43  يَا أَبَتِ إِنِّي قَدْ جَاءَنِي مِنَ الْعِلْمِ مَا لَمْ يَأْتِكَ فَاتَّبِعْنِي أَهْدِكَ صِرَاطًا سَوِيًّا
ऐ मेरे बाप! मेरे पास ज्ञान आ गया है जो आपके पास नहीं आया। अतः आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपको सीधा मार्ग दिखाऊँगा।
19:44  يَا أَبَتِ لَا تَعْبُدِ الشَّيْطَانَ ۖ إِنَّ الشَّيْطَانَ كَانَ لِلرَّحْمَٰنِ عَصِيًّا
ऐ मेरे बाप! शैतान की बन्दगी न कीजिए। शैतान तो रहमान का अवज्ञाकारी है।
19:45  يَا أَبَتِ إِنِّي أَخَافُ أَن يَمَسَّكَ عَذَابٌ مِّنَ الرَّحْمَٰنِ فَتَكُونَ لِلشَّيْطَانِ وَلِيًّا
ऐ मेरे बाप! मैं डरता हूँ कि कहीं आपको रहमान की कोई यातना न आ पकड़े और आप शैतान के साथी होकर रह जाएँ।"
19:46  قَالَ أَرَاغِبٌ أَنتَ عَنْ آلِهَتِي يَا إِبْرَاهِيمُ ۖ لَئِن لَّمْ تَنتَهِ لَأَرْجُمَنَّكَ ۖ وَاهْجُرْنِي مَلِيًّا
उसने कहा, "ऐ इबराहीम! क्या तू मेरे उपास्यों से फिर गया है? यदि तू बाज़ न आया तो मैं तुझपर पथराव कर दूँगा। तू अलग हो जा मुझसे मुद्दत के लिए!"
19:47  قَالَ سَلَامٌ عَلَيْكَ ۖ سَأَسْتَغْفِرُ لَكَ رَبِّي ۖ إِنَّهُ كَانَ بِي حَفِيًّا
कहा, "सलाम है आपको! मैं आपके लिए अपने रब से क्षमा की प्रार्थना करूँगा। वह तो मुझपर बहुत मेहरबान है।
19:48  وَأَعْتَزِلُكُمْ وَمَا تَدْعُونَ مِن دُونِ اللَّهِ وَأَدْعُو رَبِّي عَسَىٰ أَلَّا أَكُونَ بِدُعَاءِ رَبِّي شَقِيًّا
मैं आप लोगों को छोड़ता हूँ और उनको भी जिन्हें अल्लाह से हटकर आप लोग पुकारा करते हैं। मैं तो अपने रब को पुकारूँगा। आशा है कि मैं अपने रब को पुकारकर बेनसीब नहीं रहूँगा।"
19:49  فَلَمَّا اعْتَزَلَهُمْ وَمَا يَعْبُدُونَ مِن دُونِ اللَّهِ وَهَبْنَا لَهُ إِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ ۖ وَكُلًّا جَعَلْنَا نَبِيًّا
फिर जब वह उन लोगों से और जिन्हें वे अल्लाह के सिवा पूजते थे उनसे अलग हो गया, तो हमने उसे इसहाक़ और याक़ूब प्रदान किए और हर एक को हमने नबी बनाया।
19:50  وَوَهَبْنَا لَهُم مِّن رَّحْمَتِنَا وَجَعَلْنَا لَهُمْ لِسَانَ صِدْقٍ عَلِيًّا
और उन्हें अपनी दयालुता से हिस्सा दिया। और उन्हें एक सच्ची उच्च ख्याति प्रदान की।
19:51  وَاذْكُرْ فِي الْكِتَابِ مُوسَىٰ ۚ إِنَّهُ كَانَ مُخْلَصًا وَكَانَ رَسُولًا نَّبِيًّا
और इस किताब में मूसा की चर्चा करो। निस्संदेह वह चुना हुआ था और एक रसूल, नबी था।
19:52  وَنَادَيْنَاهُ مِن جَانِبِ الطُّورِ الْأَيْمَنِ وَقَرَّبْنَاهُ نَجِيًّا
हमने उसे 'तूर' के मुबारक छोर से पुकारा और रहस्य की बातें करने के लिए हमने उसे समीप किया।
19:53  وَوَهَبْنَا لَهُ مِن رَّحْمَتِنَا أَخَاهُ هَارُونَ نَبِيًّا
और अपनी दयालुता से उसके भाई हारून को नबी बनाकर उसे दिया।
19:54  وَاذْكُرْ فِي الْكِتَابِ إِسْمَاعِيلَ ۚ إِنَّهُ كَانَ صَادِقَ الْوَعْدِ وَكَانَ رَسُولًا نَّبِيًّا
और इस किताब में इसमाईल की चर्चा करो। निस्संदेह वह वादे का सच्चा और वह एक रसूल, नबी था।
19:55  وَكَانَ يَأْمُرُ أَهْلَهُ بِالصَّلَاةِ وَالزَّكَاةِ وَكَانَ عِندَ رَبِّهِ مَرْضِيًّا
और अपने लोगों को नमाज़ और ज़कात का हुक्म देता था। और वह अपने रब के यहाँ प्रीतिकर व्यक्ति था।
19:56  وَاذْكُرْ فِي الْكِتَابِ إِدْرِيسَ ۚ إِنَّهُ كَانَ صِدِّيقًا نَّبِيًّا
और इस किताब में इदरीस की भी चर्चा करो। वह अत्यन्त सत्यवान, एक नबी था।
19:57  وَرَفَعْنَاهُ مَكَانًا عَلِيًّا
हमने उसे उच्च स्थान पर उठाया था।
19:58  أُولَٰئِكَ الَّذِينَ أَنْعَمَ اللَّهُ عَلَيْهِم مِّنَ النَّبِيِّينَ مِن ذُرِّيَّةِ آدَمَ وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوحٍ وَمِن ذُرِّيَّةِ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْرَائِيلَ وَمِمَّنْ هَدَيْنَا وَاجْتَبَيْنَا ۚ إِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِمْ آيَاتُ الرَّحْمَٰنِ خَرُّوا سُجَّدًا وَبُكِيًّا ۩
ये वे पैग़म्बर हैं जो अल्लाह के कृपापात्र हुए, आदम की सन्तान में से और उन लोगों के वंशज में से जिनको हमने नूह के साथ सवार किया, और इबराहीम और इसराईल के वंशज में से और उनमें से जिनको हमने सीधा मार्ग दिखाया और चुन लिया। जब उन्हें रहमान की आयतें सुनाई जातीं तो वे सजदा करते और रोते हुए गिर पड़ते थे।
19:59  فَخَلَفَ مِن بَعْدِهِمْ خَلْفٌ أَضَاعُوا الصَّلَاةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَوَاتِ ۖ فَسَوْفَ يَلْقَوْنَ غَيًّا
फिर उनके पश्चात ऐसे बुरे लोग उनके उत्तराधिकारी हुए, जिन्होंने नमाज़ को गँवाया और मन की इच्छाओं के पीछे पड़े। अतः जल्द ही वे गुमराही (के परिणाम) से दोचार होंगे।
19:60  إِلَّا مَن تَابَ وَآمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَأُولَٰئِكَ يَدْخُلُونَ الْجَنَّةَ وَلَا يُظْلَمُونَ شَيْئًا
किन्तु जो तौबा करे और ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, तो ऐसे लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे। उनपर कुछ भी ज़ुल्म न होगा।
19:61  جَنَّاتِ عَدْنٍ الَّتِي وَعَدَ الرَّحْمَٰنُ عِبَادَهُ بِالْغَيْبِ ۚ إِنَّهُ كَانَ وَعْدُهُ مَأْتِيًّا
अदन (रहने) के बाग़ जिनका रहमान ने अपने बन्दों से परोक्ष में होते हुए वादा किया है। निश्चय ही उसके वादे पर उपस्थित होना है। -
19:62  لَّا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا إِلَّا سَلَامًا ۖ وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِيهَا بُكْرَةً وَعَشِيًّا
वहाँ वे 'सलाम' के सिवा कोई व्यर्थ बात नहीं सुनेंगे। उनकी रोज़ी उन्हें वहाँ प्रातः और सन्ध्या समय प्राप्त होती रहेगी।
19:63  تِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِي نُورِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَن كَانَ تَقِيًّا
यह है वह जन्नत जिसका वारिस हम अपने बन्दों में से हर उस व्यक्ति को बनाएँगे, जो डर रखनेवाला हो।
19:64  وَمَا نَتَنَزَّلُ إِلَّا بِأَمْرِ رَبِّكَ ۖ لَهُ مَا بَيْنَ أَيْدِينَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَيْنَ ذَٰلِكَ ۚ وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِيًّا
हम तुम्हारे रब की आज्ञा के बिना नहीं उतरते। जो कुछ हमारे आगे है और जो कुछ हमारे पीछे है और जो कुछ इसके मध्य है सब उसी का है, और तुम्हारा रब भूलनेवाला नहीं है।
19:65  رَّبُّ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا فَاعْبُدْهُ وَاصْطَبِرْ لِعِبَادَتِهِ ۚ هَلْ تَعْلَمُ لَهُ سَمِيًّا
आकाशों और धरती का रब है और उसका भी जो इन दोनों के मध्य है। अतः तुम उसी की बन्दगी करो और उसकी बन्दगी पर जमे रहो। क्या तुम्हारे ज्ञान में उस जैसा कोई है?
19:66  وَيَقُولُ الْإِنسَانُ أَإِذَا مَا مِتُّ لَسَوْفَ أُخْرَجُ حَيًّا
और मनुष्य कहता है, "क्या जब मैं मर गया तो फिर जीवित करके निकाला जाऊँगा?"
19:67  أَوَلَا يَذْكُرُ الْإِنسَانُ أَنَّا خَلَقْنَاهُ مِن قَبْلُ وَلَمْ يَكُ شَيْئًا
क्या मनुष्य याद नहीं करता कि हम उसे इससे पहले पैदा कर चुके हैं, जबकि वह कुछ भी न था?
19:68  فَوَرَبِّكَ لَنَحْشُرَنَّهُمْ وَالشَّيَاطِينَ ثُمَّ لَنُحْضِرَنَّهُمْ حَوْلَ جَهَنَّمَ جِثِيًّا
अतः तुम्हारे रब की क़सम! हम अवश्य उन्हें और शैतानों को भी इकट्ठा करेंगे। फिर हम उन्हें जहन्नम के चतुर्दिक इस दशा में ला उपस्थित करेंगे कि वे घुटनों के बल झुके होंगे।
19:69  ثُمَّ لَنَنزِعَنَّ مِن كُلِّ شِيعَةٍ أَيُّهُمْ أَشَدُّ عَلَى الرَّحْمَٰنِ عِتِيًّا
फिर प्रत्येक गरोह में से हम अवश्य ही उसे छाँटकर अलग करेंगे जो उनमें से रहमान (कृपाशील प्रभु) के मुक़ाबले में सबसे बढ़कर सरकश रहा होगा।
19:70  ثُمَّ لَنَحْنُ أَعْلَمُ بِالَّذِينَ هُمْ أَوْلَىٰ بِهَا صِلِيًّا
फिर हम उन्हें भली-भाँति जानते हैं जो उसमें झोंके जाने के सर्वाधिक योग्य हैं।
19:71  وَإِن مِّنكُمْ إِلَّا وَارِدُهَا ۚ كَانَ عَلَىٰ رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِيًّا
तुममें से प्रत्येक को उसपर पहुँचना ही है। यह एक निश्चय पाई हुई बात है, जिसे पूरा करना तेरे रब के ज़िम्मे है।
19:72  ثُمَّ نُنَجِّي الَّذِينَ اتَّقَوا وَّنَذَرُ الظَّالِمِينَ فِيهَا جِثِيًّا
फिर हम डर रखनेवालों को बचा लेंगे और ज़ालिमों को उसमें घुटनों के बल छोड़ देंगे।
19:73  وَإِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِمْ آيَاتُنَا بَيِّنَاتٍ قَالَ الَّذِينَ كَفَرُوا لِلَّذِينَ آمَنُوا أَيُّ الْفَرِيقَيْنِ خَيْرٌ مَّقَامًا وَأَحْسَنُ نَدِيًّا
जब उन्हें हमारी खुली हुई आयतें सुनाई जाती हैं तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे ईमान लानेवालों से कहते हैं, "दोनों गरोहों में स्थान की दृष्टि से कौन उत्तम है और कौन मजलिस की दृष्टि से अधिक अच्छा है?"
19:74  وَكَمْ أَهْلَكْنَا قَبْلَهُم مِّن قَرْنٍ هُمْ أَحْسَنُ أَثَاثًا وَرِئْيًا
हालाँकि उनसे पहले हम कितनी ही नसलों को विनष्ट कर चुके हैं जो सामग्री और बाह्य भव्यता में इनसे कहीं अच्छी थीं!
19:75  قُلْ مَن كَانَ فِي الضَّلَالَةِ فَلْيَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمَٰنُ مَدًّا ۚ حَتَّىٰ إِذَا رَأَوْا مَا يُوعَدُونَ إِمَّا الْعَذَابَ وَإِمَّا السَّاعَةَ فَسَيَعْلَمُونَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَأَضْعَفُ جُندًا
कह दो, "जो गुमराही में पड़ा हुआ है उसके प्रति तो यही चाहिए कि रहमान उसकी रस्सी ख़ूब ढीली छोड़ दे, यहाँ तक कि जब ऐसे लोग उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है - चाहे यातना हो या क़ियामत की घड़ी - तो वे उस समय जान लेंगे कि अपने स्थान की दृष्टि से कौन निकृष्ट और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमज़ोर है।"
19:76  وَيَزِيدُ اللَّهُ الَّذِينَ اهْتَدَوْا هُدًى ۗ وَالْبَاقِيَاتُ الصَّالِحَاتُ خَيْرٌ عِندَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَخَيْرٌ مَّرَدًّا
और जिन लोगों ने मार्ग पा लिया है, अल्लाह उनके मार्गदर्शन में अभिवृद्धि प्रदान करता है और शेष रहनेवाली नेकियाँ ही तुम्हारे रब के यहाँ बदले और अन्तिम परिणाम की दृष्टि से उत्तम हैं।
19:77  أَفَرَأَيْتَ الَّذِي كَفَرَ بِآيَاتِنَا وَقَالَ لَأُوتَيَنَّ مَالًا وَوَلَدًا
फिर क्या तुमने उस व्यक्ति को देखा जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, "मुझे तो अवश्य ही धन और सन्तान मिलने को है?"
19:78  أَطَّلَعَ الْغَيْبَ أَمِ اتَّخَذَ عِندَ الرَّحْمَٰنِ عَهْدًا
क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या उसने रहमान से कोई वचन ले रखा है?
19:79  كَلَّا ۚ سَنَكْتُبُ مَا يَقُولُ وَنَمُدُّ لَهُ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا
कदापि नहीं, हम लिखेंगे जो कुछ वह कहता है और उसके लिए हम यातना को दीर्घ करते चले जाएँगे।
19:80  وَنَرِثُهُ مَا يَقُولُ وَيَأْتِينَا فَرْدًا
और जो कुछ वह बताता है उसके वारिस हम होंगे और वह अकेला ही हमारे पास आएगा।
19:81  وَاتَّخَذُوا مِن دُونِ اللَّهِ آلِهَةً لِّيَكُونُوا لَهُمْ عِزًّا
और उन्होंने अल्लाह से इतर अपने कुछ पूज्य-प्रभु बना लिए हैं, ताकि वे उनके लिए शक्ति का कारण बनें।
19:82  كَلَّا ۚ سَيَكْفُرُونَ بِعِبَادَتِهِمْ وَيَكُونُونَ عَلَيْهِمْ ضِدًّا
कुछ नहीं, ये उनकी बन्दगी का इनकार करेंगे और उनके विरोधी बन जाएँगे। -
19:83  أَلَمْ تَرَ أَنَّا أَرْسَلْنَا الشَّيَاطِينَ عَلَى الْكَافِرِينَ تَؤُزُّهُمْ أَزًّا
क्या तुमने देखा नहीं कि हमने शैतानों को छोड़ रखा है, जो इनकार करनेवालों पर नियुक्त हैं?
19:84  فَلَا تَعْجَلْ عَلَيْهِمْ ۖ إِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا
अतः तुम उनके लिए जल्दी न करो। हम तो बस उनके लिए (उनकी बातें) गिन रहे हैं।
19:85  يَوْمَ نَحْشُرُ الْمُتَّقِينَ إِلَى الرَّحْمَٰنِ وَفْدًا
याद करो जिस दिन हम डर रखनेवालों को सम्मानित गरोह के रूप में रहमान के पास इकट्ठा करेंगे।
19:86  وَنَسُوقُ الْمُجْرِمِينَ إِلَىٰ جَهَنَّمَ وِرْدًا
और अपराधियों को जहन्नम के घाट की ओर प्यासा हाँक ले जाएँगे। (
19:87  لَّا يَمْلِكُونَ الشَّفَاعَةَ إِلَّا مَنِ اتَّخَذَ عِندَ الرَّحْمَٰنِ عَهْدًا
उन्हें सिफ़ारिश का अधिकार प्राप्त न होगा। सिवाय उसके, जिसने रहमान के यहाँ से अनुमोदन प्राप्त कर लिया हो।
19:88  وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمَٰنُ وَلَدًا
वे कहते हैं, "रहमान ने किसी को अपना बेटा बनाया है।"
19:89  لَّقَدْ جِئْتُمْ شَيْئًا إِدًّا
अत्यन्त भारी बात है, जो तुम घड़ लाए हो!
19:90  تَكَادُ السَّمَاوَاتُ يَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنشَقُّ الْأَرْضُ وَتَخِرُّ الْجِبَالُ هَدًّا
निकट है कि आकाश इससे फट पड़े और धरती टुकड़े-टुकड़े हो जाए और पहाड़ धमाके के साथ गिर पड़ें,
19:91  أَن دَعَوْا لِلرَّحْمَٰنِ وَلَدًا
इस बात पर कि उन्होंने रहमान के लिए बेटा होने का दावा किया!
19:92  وَمَا يَنبَغِي لِلرَّحْمَٰنِ أَن يَتَّخِذَ وَلَدًا
जबकि रहमान की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल है कि वह किसी को अपना बेटा बनाए।
19:93  إِن كُلُّ مَن فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ إِلَّا آتِي الرَّحْمَٰنِ عَبْدًا
आकाशों और धरती में जो कोई भी है एक बन्दे के रूप में रहमान के पास आनेवाला है।
19:94  لَّقَدْ أَحْصَاهُمْ وَعَدَّهُمْ عَدًّا
उसने उनका आकलन कर रखा है और उन्हें अच्छी तरह गिन रखा है।
19:95  وَكُلُّهُمْ آتِيهِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فَرْدًا
और उनमें से प्रत्येक क़ियामत के दिन उस अकेले (रहमान) के सामने उपस्थित होगा।
19:96  إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَيَجْعَلُ لَهُمُ الرَّحْمَٰنُ وُدًّا
निस्संदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए शीघ्र ही रहमान उनके लिए प्रेम उत्पन्न कर देगा ।
19:97  فَإِنَّمَا يَسَّرْنَاهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ الْمُتَّقِينَ وَتُنذِرَ بِهِ قَوْمًا لُّدًّا
अतः हमने इस वाणी को तुम्हारी भाषा में इसी लिए सहज एवं उपयुक्त बनाया है, ताकि तुम इसके द्वारा डर रखनेवालों को शुभ सूचना दो और उन झगड़ालू लोगों को इसके द्वारा डराओ ।
19:98  وَكَمْ أَهْلَكْنَا قَبْلَهُم مِّن قَرْنٍ هَلْ تُحِسُّ مِنْهُم مِّنْ أَحَدٍ أَوْ تَسْمَعُ لَهُمْ رِكْزًا
उनसे पहले कितनी ही नसलों को हम विनष्ट कर चुके हैं। क्या उनमें किसी की आहट तुम पाते हो या उनकी कोई भनक सुनते हो?